Utarakhand helicopter क्रैश: दो महीने में 5 हवाई हादसे, क्या उड़ते ताबूत चला रहीं हेली कंपनियां! कैसे मिली अनुमति
Uttarakhand Helicopter Crash: उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तकनीकी खामियां ही नहीं, बल्कि हेली कंपनियों की लापरवाही भी है। पिछले दो महीनों में पांच हेलीकॉप्टर हादसे हुए हैं। खराब मौसम के बावजूद उड़ान भरने और डीजीसीए के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में आर्यन एविएशन के मैनेजर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसों
के लिए अक्सर तकनीकी खामियों को ही कारण माना जाता है, लेकिन हेली कंपनियों
की लापरवाही को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसकी वजह से हादसे हो जाते हैं
और मासूम लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसके बावजूद हर साल इन्हीं हेली
कंपनियों को फिर से चारधाम यात्रा के दौरान उड़ान भरने की अनुमति दे दी
जाती है। इस बार तो आलम यह है कि 2 महीने के भीतर पांच हेली हादसे हो गए और
कई लोग मौत का शिकार बन गए।
जून के महीने में जहां दो हेलीकाप्टर
हादसे हुए हैं तो वहीं मई महीने में तीन हादसों ने हेली कंपनियों की
लापरवाही को उजागर कर दिया है। विदित हो कि आज सुबह यात्रियों को लेकर
केदारनाथ धाम से लौट रहा हेलीकॉप्टर गौरीमाई खर्क के जंगल में क्रैश हो गया
था, जिसमें मासूम बच्ची सहित सात लोगों की जान चली गई। इस हादसे का कारण
खराब मौसम बताया जा रहा है।
धामी सरकार ने हेलीकॉप्टर उड़ान पर रोक लगाई
आर्यन एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर हादसे के बाद सीएम धामी ने फिलहाल इस कंपनी के हेलीकॉप्टरों की उड़ान पर सोमवार तक रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। हालांकि सवाल उठता है कि क्या आगे भी इस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी या फिर कुछ दिनों के प्रतिबंध के बाद फिर से उड़ान भरने की अनुमति मिल जाएगी।
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